corse-aggregates-test

BUILDING STONE TEST

इमारती पत्थरों के परीक्षण

बड़े-बड़े इन्जीनियरी कार्यों, जलीय संरचनाओं, भवनों तथा सड़क कार्य के लिए उपयोग में लाए जाने वाले पत्थरों की जाँच तथा परख आवश्यक होती है। यह जाँच प्रयोगशाला में की जाती है।पत्थर एक प्रक्रतिक पदार्थ है इसलिए इसकी उपयोगिता जानने क लिए हमें इसका परिक्षण करना जरूरी होता है ताकी इन्जीनियरी कार्यों में कोई बाधा उत्पन्न न हो|

 

s.r      पत्थरों के मुख्य परीक्षण
1विशिष्ट गुरुत्व परीक्षण (Specific Gravity Test)इकाई भार के लिए
2 जल अवशोषण परीक्षण (Water Absorption Test)रन्ध्रों को ज्ञात करने के लिए
3 चिर स्थायित्व परीक्षण (Durability Test) टिकाऊपन ज्ञात करने के लिए
4  कठोरता परीक्षण (Hardness Test)कठोरता ज्ञात करने के लिए
5 अपघर्षण परीक्षण (Abrasion Test) घिसन प्रतिरोध के लिए
6 समाघात परीक्षण (Impact Test )चीमड़पन के लिए
7 सन्निघर्षण परीक्षण (Attrition Test)घिसन तथा चीमड़पन के लिए
8 संदलन सामर्थ्य परीक्षण (Crushing Strength Test)सम्पीडन सामर्थ्य के लिए
9 अम्लीय परीक्षण (Acid Test)अम्लीय गैसों तथा धुओं का प्रभाव ज्ञात करने के लिए
10 बन्धन परीक्षण (Cementation Test)कणों का आपसी बन्धन ज्ञात करने के लिए

 

पत्थरों के मुख्य परीक्षणों के नाम निम्नलिखित हैं

Specific Gravity Test

विशिष्ट गुरुत्व परीक्षण 

[I.S. 1124-1974]

Specific Gravity :-

किसी वस्तु के शुष्क भार 100°C- 110°C पर 24 घण्टे शुष्क करने पर  तथा उसके आयतन के बराबर पानी के भार के अनुपात को आभासी विशिष्ट गुरुत्व कहते हैं।

पत्थर का इकाई भार जितना अधिक होता है, वह उतना ही अधिक सघन, सामर्थ्यवान, टिकाऊ व जलरोधी होगा। सघन व सुसंहत पत्थर का विशिष्ट गुरुत्व 2.7 से 2.8 होता है

 

पत्थरों का विशिष्ट गुरुत्व ज्ञात करने की विधि निम्न है|

  1. I.S.20 mm चालनी से पारित एक किलोग्राम पत्थर का प्रतिदर्श लें। इसे धोकर 24 घण्टे तक आसुत पानी में डाल दें। इस अवधि के बाद उसे निकाल कर, कपड़े से अच्छी तरह पोंछ कर छाँव में 10 मिनट तक सुखा लें। अब इसे तोल लें। माना यह भार W1 gm है।
  2. अब प्रतिदर्श को 1000 ml के मापन सिलिण्डर में डाल दें और इसमें 100 ml के मापन सिलिण्डर से आसुत जल भरें। जब पानी का तल बड़े सिलिण्डर के 1000 ml के निशान पर पहुँच जाए तो छोटे सिलिण्डर द्वारा डाली गयी पानी की मात्रा ज्ञात करें। माना यह W2 gm है।
  3. प्रतिदर्श को सिलिण्डर से बाहर निकाल लें। इसे 24 घण्टे तक विद्युत भट्टी (ओवन) में 100°C-110°C तक सूखने दें। अब इसे बाहर निकाल कर कमरे के तापमान पर ठण्डा होने दें। इसको पुनः तोल ले। माना यह भार W3 gm है ।
Specific Gravity (G) = W3/(1000-W2)

W1 = ओवन में सुखाने पर प्रतिदर्श का भार, ग्राम में
W2 = बड़े सिलिण्डर में डाले गए पानी की मात्रा, ग्राम में।

Note:-

भारतीय मानक कोड के अनुसार इमारती पत्थर का वास्तविक विशिष्ट गुरुत्व (True S.G.) के स्थान पर आभासी विशिष्ट गुरुत्व (Apparent S.G.) ज्ञात किया जाता है।

 

 

WATER ABSORPATION TEST

जल अवशोषण परीक्षण 

[I.S. 1124-1974]

पत्थर के कणों के मध्य रिक्ति होती है, जिनमें नमी घुसने पर इसका गलन होने लगता है। इस परीक्षण द्वारा पत्थरों में रन्त्रों की मात्रा (Pore-Space) का अनुमान लगाया जाता है। यदि पत्थर पानी अधिक सोखता है तो इनमें रन्ध्रों की अधिकता है और ऐसा पत्थर जलीय संरचनाओं के लिए उपयुक्त नहीं है। ऐसा पत्थर जिसका जल अवशोषण मान 6 % से अधिक हो इंजीनियरी कार्यों हेतु  उपयोग में नहीं लाया जाता है|

इस परीक्षण की प्रक्रिया उपरिवर्णित विशिष्ट गुरुत्व परीक्षण की भाँति है।

 

जल अवशोषण मान = (W1-W3)/W3 X 100

 

जहाँ  W1 = संतृप्त परन्तु सूखी सतह के प्रतिदर्श का भार, ग्राम में
W2 = ओवन-शुष्क प्रतिदर्श का भार, ग्राम में

जल अवशोषण को ओवन-शुष्क प्रतिदर्श के भार के प्रतिशत में ऑका जाता है। उत्तम पत्थर का जल अवशोषण 6% से अधिक नहीं होना चाहिए।

आभासी सरन्ध्रता = (W1-W3)/(1000-W2)

 

जहाँ W1 = संतृप्त परन्तु सूखी सतह के प्रतिदर्श का भार, ग्राम में
W2 = बड़े सिलिण्डर में डाले गये पानी की मात्रा, ग्राम में
W3 = ओवन शुष्क प्रतिदर्श का भार, ग्राम में

 

BUILDING STONE DURABILITY TEST

चिरस्थायित्व या टिकाऊपन परीक्षण

[I.S. 1126-1974]

 

चिरस्थायित्व या टिकाऊपन (Durability) :-

वातावरण के प्रभाव, जैसे वायु, धूप, तापमान, वर्षा तथा औद्योगिक क्षेत्रों में उपस्थित किसी प्रकार की अम्लीय गैसें, धुएँ आदि पत्थर संरचना को क्षति पहुँचाते हैं और पत्थर का भार घटने लगता है। पत्थर इनके प्रति कितना प्रतिरोधक है, यह ज्ञात करने के लिए चिरस्थायित्व (टिकाऊपन) परीक्षण किया जाता है। परीक्षण हेतु लिए गए प्रतिदर्श पत्थर का चिरस्थायित्व इसके भार में प्रतिशत कमी में आँका जाता है।

परीक्षण विधि निम्न है-

  1. 50mm व्यास व 50 mm ऊँचाई का पत्थर का सिलिण्डरनुमा प्रतिदर्श लें। इसे 24 घण्टे तक शुष्क करके तोल लें, माना यह भार W, है|
  2. अब प्रतिदर्श को कमरे के तापमान (20°C-39°C) पर सोडियम सल्फेट के अति (सुपर) संतृप्त घोल में 16 से 18 घण्टे तक लटका दें।
  3. प्रतिदर्श को घोल से बाहर निकाल कर 1/2 घण्टे तक सूखने दें, फिर विद्युत भट्टी (ओवन) में 105°C+5°C पर 4 घण्टे तक सुखायें। अब इसे बाहर निकाल कर ठण्डा कर लें और सोडियम सल्फेट के घोल से पूर्णत: साफ कर ले ( यदि आवश्यक हो तो धो ले )।
  4. अब प्रतिदर्श को तोल लें, माना यह भार W2 है।
  5. नमूने के भार में कमी = W1-W2
प्रतिदर्श में भार परिवर्तन = (W1-W2)/W1 x100

जहाँ  W1 = अम्लीय घोल में डुबाने से पूर्व प्रतिदर्श का भार

W2= घोल में डुबाने तथा शुष्क करने पर प्रतिदर्श का भार

टिप्पणी- 

इस परीक्षण के लिए तीन प्रतिदर्श लें। सबका औसत निकाल लें। जिस पत्थर के भार में कमी न्यूनतम होगी, वह पत्थर अधिक चिरस्थायित्व वाला माना जाएगा।

HARDNESS TEST

कठोरता परीक्षण

[I.S. 1124-1974]

 

कठोरता  (Hardness ) :-

जब पत्थरों को सड़क, भारी संरचनाओं की नींव व फर्शों में प्रयोग करना होता है, तो इसकी कठोरता की जाँच की जाती है। पत्थर की कठोरता इसके संघटक खनिजों की कठोरता, गठन व रचना पर निर्भर करती है। कठोरता को ‘मोह’ के पैमाने (Moh’s Scale of Hardness) पर प्रदर्शित किया जाता है। कार्यस्थल पर पत्थर की कठोरता इसको नाखून से खुरच कर अथवा चाकू से खरोंच लगाकर ज्ञात की जाती है।

नाखून से खुरचने पर निशान न पड़ने पर पत्थर की कठोरता 2 ली जाती है ऐसा पत्थर जिस पर चाकू से निशान न बनाया जा सके, की कठोरता 7 आकी जाती है।

कठोरता का अनुमान पत्थर के दो टुकड़ों को आपस में रगड़ कर भी लगाया जा सकता है। यदि पत्थर अधिक घिसते हैं तो नरम है अन्यथा कठोर है।

मोह पैमाने पर विभिन्न खनिजों के मानक कठोरता अंक निम्न हैं-

S.R. पत्थर  कठोरता मोह पैमाने पर
1टेल्क (Talc)1
2जिप्सन (Gypsum)2
3 कैल्साइट (Calcite)3
4 फ्लुओराइट (Fluorite)4
5अपटाइट (Apatite)5
6 फेल्सपार (Felspar)6
7 सिलिका या क्वार्टज (Quartz)7
8 पुखराज (Topaz)8
9 कोरण्डम (Corundum)9
10 हीरा (Diamond)10

वर्तमान में सबसे अधिक कठोर पत्थर :-  सर्पेंनटाइन (SURPENTINE)

वर्तमान में सबसे अधिक नरम पत्थर :-     हीरा (DIAMOND)

ABRASION TEST

अपघर्षण परीक्षण

[I.S. 1124-1974]

अपघर्षण परीक्षण (Abrasion Test) :-

ABRATION-TEST OF STONE
                         ABRATION TEST

यहां परीक्षण पत्थर का घिसन प्रतिरोध ज्ञात करने के लिए प्रयोगशाला में किया जाता है। परीक्षण के लिए डोरी मशीन (Dory Testimg Machine) प्रयोग की जाती  है , डोरी मशीन में ढलवा लोहे की एक चकती (Disc) होती है जो एक ऊर्ध्वाधर धुरी पर क्षैतिज में घूमती है। चकती को घूमाने के लिए विद्युत शक्ति का उपयोग करते हैं।

जिस पत्थर का अपर्घषण ज्ञात करना हो, उसका 25 mm एवं 25 mm ऊँचाई का एक सिलिण्डरनुमा प्रतिदर्श तैयार किया जाता है। सिलिण्डर की फलकों को घिसकर समतल कर लिया जाता है।

इस प्रतिदर्श को तोल   लें।अब प्रतिदर्श को चकती पर, इसके केन्द्र से 26 सेमी की दूरी पर सीधा रखा जाता है और इस पर 1250 ग्राम का दाब डालकर इसे प्रेस रखा जाता है।

प्रतिदर्श तथा घूमती चकती की सम्पर्क सतह पर एक फनल की सहायता से मानक निर्देश की बालू समान दर से डाली जाती है। चकती को 28 चक्र प्रति मिनट की दर से 1000 चक्र घुमाया जाता है। चकती के घूमने से प्रतिदर्श की तली चकती पर घिसती है।

अब प्रतिदर्श को पुनः तोल लें और निम्न सूत्र से घर्षण गुणांक ज्ञात कर लें।

घर्षण गुणांक = 20- प्रतिदर्श के भार में कमी (ग्राम में)/3

घर्षण गुणांक के मान इस प्रकार हैं|

  1. 0-14             = पत्थर मुलायम (Soft) है और सड़क गिट्टी के अनुपयुक्त है।
  2. 14-17           = पत्थर मध्यम कठोर है।
  3. 17 से ऊपर   = पत्थर उच्च कठोर है।

Impact Test

समाघात परीक्षण

[I.S. 1124-1974]

 समाघात (Impact) :-

IMPACT-TEST-APPRATUS
                    IMPACT-TEST-APPRATUS

यह परीक्षण पत्थर पर चीमड़पन (Toughness) ज्ञात करने के लिए किया जाता है। इसके लिए पेज समाधात मशीन (Page Impact Machine) प्रयोग की जाती है। मशीन में मुख्यत: 50 किलोग्राम भार की इस्पात की एक निहाई (Anvil) और उस पर ऊँचाई से गिरने वाला 2 किलोग्राम भार का एक हथौड़ा होता है ,पत्थर का 25mm o तथा 25mm ऊँचाई का सिलिण्डरनुमा प्रतिदर्श निहाई पर रखकर इसके ऊपर हथौड़ा गिराया जाता है। प्रथम बार 1 cm की ऊँचाई से, द्वितीय बार 2 cm की ऊँचाई से, तीसरी बार 3 cm की ऊँचाई से, इसी क्रम में हर बार 1 cm की ऊँचाई बढ़ाते हुए तब तक हथौड़े को गिराया जाता  है जब तक प्रतिदर्श टूट न जाए।  जिस पारी की चोट से प्रतिदर्श विघटित हो जाता है, वह समाघात सूचक (Impact Index) कहलाता

(Impact Index) इसका मान इस प्रकार है

  1. 19 चोटें -पत्थर का चीमड़पन उत्तम हैं।
  2. 16-17 चोटें -पत्थर का चीमड़पन सन्तोषजनक है।
  3. 6 से कम चोटें -पत्थर निखिद है।

Attrition Test

सन्निघर्षण परीक्षण

[I.S. 1124-1974]

 

सन्निघर्षण (Attrition) :-

 ATTRITION-TEST-OF-STONE

              ATTRITION-TEST-OF-STONE

यह परीक्षण पत्थरों की कठोरता, चीमड़पन तथा आपसी घर्षण ज्ञात करने के किया जाता है और विशेष तौर पर सढ़क गिट्टी के लिए बांलनीय परीक्षण है। जब यह परीक्षण करना है तो उपरोक्त अपघर्षण तथा समाधात परीक्षणों की आवश्यकता नहीं है। इस परीक्षण के लिए डेवल सन्निघर्षण का प्रयोग किया जाता है। मशीन में 20cmb (भीतरी) तथा 34 em (भीतरी) लम्बे इस्पात के दो सिलिण्डर होते हैं, जो मशीन की क्षैतिज घरी पर 30 कोण पर तिरछे लगे होते हैं और इसी धुरी पर कोणीय तल (Inclincd planc) में घुमते हैं|

60mm माप की 5 किलाग्राम साफ व सूखी पत्थर की नोंकदार गिट्टी प्रत्येक सिलिण्डर में भरकर ढक्कर बन्द कर दिया जाता है। अब मशीन की क्षैतिज धुरी को 30 चक्र प्रति मिनट की दर से 5 घण्टे (9000 चक्र) घुमाया जाता है। सिलिण्डर में पड़े पत्थरों के टुकड़ों का आपस में टकरा टकरा कर घर्षण होता है और पत्थर चूरा होता जाता है।अब पत्थर की गिट्टी को चूरे सहित सिलिण्डरों से बाहर निकालकर 1-5mm माप की चलनी पर छान लेते हैं। जो भाग चलनी के ऊपर बचा रह जाता है, उसे तोल लिया जाता है और प्रारम्भिक भार में से घटाकर, भार में कमी ज्ञात कर ली जाती है। दोनों भारों का अन्तर घर्षण बताता है।

प्रतिशत घर्षण=पत्थरो के भार में कमी/पत्थरों का प्रारम्भिक भार x 100

 

  1.  जब घर्षण 2% है-पत्थर अच्छा है।
  2.  घर्षण 3% है-पत्थर मध्यम है।
  3.  जब घर्षण 5% है-पत्थर निम्न कोटि का है।

 

Crushing Strength Test

संदलन सामर्थ्य परीक्षण

[IS. 1121-1974]

 

संदलन सामर्थ्य (Crushing Strength ) :-       

CTM-MACHINE
                       C T M-MACHINE

पत्थर की सम्पीडन सामर्थ्य जानने के लिए संदलन परीक्षण किया जाता है। परीक्षण के लिए सम्पीडन परीक्षण मशीन (Compression Testing Machine) का प्रयोग किया जाता है। इस मशीन को हस्त-लीवर अथवा विद्युत शक्ति से चलाया जाता है|

परीक्षण के लिए पत्थर के 50 mm x 50 mm x 50 mm (घन) माप के प्रतिदर्श तैयार किए जाते है। घन की फलकों को भूली प्रकार से समतल व साफ कर लिया जाता है। प्रतिदर्श की जल-संतृप्त तथा ओवन-शुष्क दोनों अवस्थाओं में जाँच की जाती है। पहले प्रतिदर्श को 20°C 30°C के तापमान वाले जल में 72 पण्टे तक डुबो लें। अब इसको निकाल कर परीक्षण मशीन में रखे। अन्य संतृपा प्रतिदर्श को 24 घण्टे तक 105°C+ SC ताप वाली भट्टी में शुष्क कर लें और 20°C-30°C पर ठण्डा करके मशीन में जाँच करें।

प्रतिदर्श को (एक परी में एक) परीक्षण मशीन में लगा देते हैं प्रतिदर्श के ऊपर तथा तली पर 5 mm मोटी प्लाई शीट के टुकड़े रखे जाते हैं। अब ऊपरी प्लेट की प्रतिदर्श के सम्पर्क में लाकर सैट कर हैं और तेल-पम्प (Oil Pump) को चालू कर देते हैं।

प्रतिदर्श पर 140 kg/cm2 minute की दर से भार लगाया जाता है। जिस भार पर प्रतिदर्श टूट जाता है, उस भार को प्रतिदर्श की भारित सतह के क्षेत्रफल से भाग देकर पत्थर की संदलन सामर्थ ज्ञात कर ली जाती है। अत:

चरम संदलन सामर्थ्य (kg/cm2) = संदलन भार (kg में)/भारित सतह (cm में)

 

सम्पीडन सामर्थ्य सामान्यतः  kg/cm2 में ऑकी जाती है। मुख्य इमारती पत्थरों की संदलन सामर्थ्य सारणी में दी गयी है।

S.R.पत्थर की प्रकारचरम संदलन सामर्थ्य
1बेसाल्ट व ट्रेप1530 से 189o kg/cm2
2ग्रेनाइट790 से 130o kg/cm2
3स्लेट770 से 210o kg/cm2
4संगमरमर72o kg/cm2
5बलुआ पत्थर65o kg/cm2
6चूना पत्थर55o kg/cm2
7लेटेराइट18 से 3o kg/cm2

 

Acid Test

अम्लीय परीक्षण

[IS. 1121-1974]

अम्लीय परीक्षण (Acid Test):-

यहा परीक्षण पत्थर पर अम्लीय गैसों तथा वायुमण्डलीय धुओं का कुप्रभाव जानने के लिए किया जाता है। औद्योगिक क्षेत्रों में अम्लीय गैसे बाहर आती हैं, जो सीधे अथवा वर्षा के पानी में घुलकर पत्थर की संरचना पर विघटनकारी प्रभाव डालती हैं।100 ग्राम के प्रतिदर्श को सात दिन तक सल्फ्यूरिक एवं हाइड्रोक्लोरिक अम्लों के घोल में डुबोकर रखा जाता है। घोल को समय-समय पर हिलाते रहते हैं।

अब प्रतिदर्श को घोल से निकाल कर इसकी सतह तथा कोनों की जाँच की जाती है। एक अच्छा पत्थर अपने नुकीले कोनों पर से नष्ट नहीं होना चाहिए। यदि पत्थर के कोने नष्ट हो गये हैं अथवा उस पर पाउडर आ गया है तो पत्थर अम्लीय वातावरण से नष्ट हो जाएगा। अम्ल के प्रभाव से चूनेदार पत्थरों की सतह पर बुदबुदाहट (Effervescence) प्रकट हो जाती है।

 

Cementation Test

 बन्धन परीक्षण

[IS. 1121-1974]

बन्धन परीक्षण (Cementation Test) :-

पत्थर के विभिन्न खनिज कणों का आपसी बन्धन ज्ञात करने के लिए यह परीक्षण किया जाता है। इस परीक्षण के लिए पत्थर को पीसकर तथा इसमें पानी मिलाकर पेस्ट बना लिया जाता है। इस पेस्ट से 25 mm व्यास के, 25 mm लम्बे सिलिण्डर बना लिए जाते हैं।

इन सिलिण्डरों की पेज समाघात मशीन पर जाँच की जाती है (मशीन का वर्णन ऊपर किया जा चुका है)। मशीन के ऊपर प्रतिदर्श रखकर हथौड़े से चोट की जाती है, परन्तु इस परीक्षण में हथौड़े का अवपात (Fall) प्रत्येक चोट के लिए 1 cm ही रखा जाता है। जितनी चोटों पर प्रतिदर्श टूट जाता है, वह उस पत्थर के कणों का बन्धन का माप है।

  1. 10 चोटों से कम- पत्थर कमजोर प्रकार का है।
  2. 10 से 25 चोटे-   पत्थर मध्यम प्रकार का है।
  3. 26 से 25 चोटें-  पत्थर उत्तम बन्धन वाला है।
41 thoughts on “BUILDING STONE TEST इमारती पत्थरों के परीक्षण”
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