IDENTIFICATION TEST | STONE

 पत्थरों की द्रष्टिय पहचान करना 

I.S. CODE: [1498-1970 ]

  • उद्देश्य (Object):-

Identification Test Of Stone इमारती पत्थरों की दृष्टि निरिक्षण द्वारा पहचान करना।

  •  सिद्धान्त (Theory):-

भवनों  ( Buildings) तथा इन्जीनियरी संरचनाओं  में इमारती पत्थर का इस्तेमाल सहस्रो वर्षों से हो रहा है। कुछ स्थिति में यह ईंटों से बेहतर निर्माण पदार्थ सिद्ध हुआ है। पत्थर की संपीडन सामर्थ्य  (compressive strength) और आयु (Age)काफी अधिक होती है, इसलिये भारी इन्जीनियरी संरचनाओं के लिये विशेष उपयोगी है। भवन निर्माण में बलुआ पत्थर( sand stone), चूना पत्थर (lime stone), संगमरमर(marble), स्लेट (slate)आदि, इन्जीनियरी निर्माण में ग्रेनाइट, बेसाल्ट, सड़क निर्माण में ग्रेनाइट, क्वार्टजाइट और सीमेन्ट ( cement) उत्पादन में चूना पत्थर, कंकर आदि बड़े पैमाने पर प्रयोग किये जाते हैं। अतः इनकी पहचान और गुणों की जानकारी आवश्यक है।

 

  •  Main Building Stone मुख्य इमारती पत्थर

⇒ ग्रेनाइट (Granite):-

 Identification Test Of Stone
                granite stone (ग्रेनाइट पत्थर )
  1. यह पत्थर आग्नेय(igneous), सिलिकामय (sedimentary), अस्तरित(un-stratified) rocks चट्टानों से निकाला जाता हैं।
  2. इसमें कुछ मुख्य खनिज (main mineral)घटक क्वार्ट्ज फेल्सपार का अभ्रक हैं यह चित्तीदर भूरे, हरे व काले रंग का स्तरहीन(un-stratified)) पत्थर है।
  3. इसके कण मोटे से महीन तक होते हैं। इस पत्थर पर पॉलिश अच्छी आती है।
  4. यह भारी(heavy), टिकाऊ(durable)व मजबूत (strong) पत्थर है।
  5. इसका विशिष्ट भार (specific gravity) 2-6 से 2-7 है और संपीडन सामर्थ्य (compressive strength) 770 से 1300 kg/cm2 होती है।
  6. जल अवशोषण (water absorption) 0-5% से कम हैं।

⇒ बेसाल्ट एवं ट्रैप (Basalt & Trap):-

 Identification Test Of Stone
             Basalt-Stone-Railway-Stone
  1. ये पत्थर आग्नेय(igneous), सिलिकामय (siliceous) चट्टानों से निकाले जाते हैं।
  2. यह चट्टाने अस्तरित(un-stratified) होती हैं। ये सख्त व भारी पत्थर हैं।
  3. हथौड़े की चोट पर धातुविक आवाज (metallic sound) निकालती है।
  4. ये पत्थर पीले, नीले हरे, भूरे या खाकी रंग के होते हैं दोनों पत्थर महीन, चमकीले कणों वाले होते हैं, परन्तु बेसाल्ट, ट्रेप  से अधिक कठोर होता है।
  5. इन पत्थरों की संपीडन सामर्थ्य (compressive strength) 1530 से 1890 kg/cm2 होती है।
  6. आपेक्षित घनत्व (specific gravity) 3 और जल अवशोषण (water absorption) 0-5% है।

बलुआ पत्थर (Sand Stone)-   

 Identification Test Of Stone
                      sand stone (बलुआ पत्थर )
  1. यह पत्थर तल-छटी चट्टानों (Sedimentary rocks)से निकाला जाता है।
  2. बलुआ पत्थर स्तरित(stratified)) व सिलिकामय (siliceous) होता है।
  3. यह क्वार्टज के गोल अथवा नुकीले कणों से जो सिलिकामय व चूना मय पदार्थों के कारण जुड़े रहते हैं, बना होता है।
  4. बलुआ पत्थर सफेद, लाल, पीला, भुरा, हरा, नीला, काला आदि अनेक रंगों का होता है।
  5. बलुआ पत्थर की संपीडन सामर्थ्य  (compressive strength) 650 kg/cm2
  6. आपेक्षित घनत्व (specific gravity) 2-65 से 2-95 और जल अवशोषण 5 से 6% होता है।

 

⇒ चूना पत्थर (Lime Stone):-

 Identification Test Of Stone
                                लाइम stone
  1. यह पत्थर तल-छटी (Sedimentary rocks), स्तरीय(stratified) व चूनामय(Calcareous) चट्टानों से प्राप्त होता है।
  2. इसमें मुख्य खनिज के रूप में चूने का कार्बोनेट होता है।
  3. इसके अतिरिक्त सिलिका, एलुमिना, लौह-ऑक्साइड( iron oxide) भी मिले रहते हैं।
  4. चूना पत्थर की अनेक किस्में हैं, अत: इसके रंग गठन, कठोरता आदि में काफी भिन्नता पायी जाती है।
  5. यह महीन कण से खुले गठन वाला पत्थर होता है।
  6. चूना पत्थर सामान्यत: सफेद-मटियाले, भूरे तथा पीले रंग में होता है।
  7. चाकू से खुरचने पर सफेद चूरे से भरी रेखा बनती हैं। इस पर कार्य करना सरल पड़ता है।
  8. चूना पत्थर की सामर्थ्य (compressive strength) 550 kg/cm2
  9. विशिष्ट भार (specific gravity) 2 से 2:75 और जल अवशोषण1 से 4% होता है।

 

⇒ क्वार्टजाइट (Quartzite):-

quartzite stone
                             quartzite पत्थर
  1. इस पत्थर की चट्टान कायान्तरित, स्तरीय व सिलिकामय होती है।
  2. सिलिकामय बलुआ पत्थर अपनी काया बदलने पर क्वार्टजाइट बन जाता है।
  3. यह पत्थर, बलुआ पत्थर से अधिक सामर्थ्यवान, टिकाक, कठोर व सघन है।
  4. इसको काटना/छाटना कठिन हैं; तोड़ने पर यह अनियमित टुकड़ों में टूटता है।
  5. यह लाल, पीले, सफेद तथा भूरे रंगों में मिलता है।

स्लेट (Slate):-

  1. स्लेट शैल पत्थर (Mud Stone) के रूपान्तरण पर बनती है।
  2. इसमें  में सिलिका व चूने का कार्बोनेट होता है।
  3. स्लेट की चट्टान कायान्तरित, स्तरित व मृत्तिकामय होती है।
  4. इस की परते स्पष्ट दिखाई पड़ती हैं स्लेटे काले, गहरे नीले, हरेपन, व जामनी शेडों में पायी जाती हैं।
  5. दो स्लेटों के टकराने पर धातुविक ध्वनि निकलती है।
  6. महीन कणों तथा समान रंग की स्लेट कठोर होती है।
  7. अच्छी स्लेट पानी कम सोखती है।
  8. स्लेट का विशिष्ट भार (specific gravity) 2.89 होता है।
  9. स्लेट की संपीडन सामर्थ्य (compressive strength)  770 से 2110 kg/cm होती हैं।

⇒ संगमरमर (Marble):-

marble पत्थर संगमरमर
                   marble पत्थर संगमरमर
  1. संगमरमर की चट्टान कायान्तरित, स्तरित एवं चूना मे होती है।
  2. संगमरमरएक रवेदार, कठोर, चमकदार, सुसंहत, सुन्दर, अल्प-पारदर्शी, महीन कणों वाला व टिकाक पत्थर है।
  3. यह विभिन्न रंगों जैसे नीला, लाल, काला हरा, पीला, सफेद, भूरे रंगों में पाया जाता है।
  4. संगमरमर को सरलता से काटा जा सकता है और इस पर घिसाई व पॉलिश अच्छी होती है।
  5. संगमरमर की सम्पीडन सामर्थ्य 720 kg/cm तथा विशिष्ट (specific gravity)भार 2-65 होता है।

Note:- बिल्लोरी पत्थर भी कहते है।

 

 

कंकर (Kankar):-

kankar stone ( कंकर पत्थर )
                  kankar stone ( कंकर पत्थर )
  1. कंकर को तलछटी, चूना मे चट्टान के अन्तर्गत लिया जाता है।
  2.  इसमें 70% कैल्शियम कार्बोनेट तथा 30% बालू व मृत्तिका की अशुद्धियाँ रहती हैं।
  3. कंकर परतदार चट्टानों या छोटी गाँठों के रूप में जमीन के ऊपर अथवा कुछ गहरायी पर पाया जाता हैं।
  4. कंकर कुछ मटमैले-भूरे पर होता है।
  5.  बिछुआ कंकर पुराने सूखे पड़े-नदी-नालों से निकाला जाता है अथवा जमीन के ऊपर पड़ा मिल जाता है।
  6.  ब्लॉक कंकर कमजोर चट्टान के रूप में पाया जाता है।

 

 

 

 

dear frds इन सभी परीक्षणों को करने क बाद आप आसानी से पता लगा  सकते हो की ये कोन सा पत्थर है 

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