भारतीय मानक ब्यूरो के अनुसार चूने का वर्गीकरण

Classification of Lime

      भारतीय मानक ब्यूरो के अनुसार चूने का वर्गीकरण

        I.S  [712-1984] 

OBJECT (उद्देश्य ):- 

भारतीय मानक ब्यूरो ने (IS 712-1984) में चूने का निम्न प्रकार से वर्गीकरण किया है (यह वर्गीकरण चूने की  किस्मों को ध्यान में रखते हुये ही किया गया, परन्तु ज्येष्ठा आधार इसके बिल्कुल विपरीत है, जो चूने के जलीय गुणों तथा उपयोग को देखते हुये अधिक न्यायसंगत जान पड़ता है।

 

चूने का वर्गीकरण निम्न प्रकार से किया गया  है|

Class-A Lime :-

Hydraulic lime
Hydraulic lime
  1. श्रेष्ठ जलीय चूना (Eminently Hydraulic lime ) इसे  पका चूना भी
  2. कहते हैं। इस चूना में कैल्शियम ऑक्साइड (CaCo3)  60-70% और मृत्तिका 30% होती है।
  3. से चूने का उपयोग जलीय संरचनाओं के लिये किया जा सकता है।
  4. इसकी 28 दिन पर संपीडन  सामर्थ्य 28 kg/cm होनी चाहिए।
  5. जमाव काल प्रारम्भिक 2 घण्टे और अन्तिम 8 घण्टे लिया जाता है।
  6. इसका रंग भूरा (Grey) होता है।

 

Class-B Lime :-     

semi hydraulic-lime
semi hydraulic-lime
  1. अर्ध जलीय चूना (Semi-Hydraulic Lime) इसे अर्थ जलपका चूना भी कहते हैं।
  2. इस चूना में 70% तक कैल्शियम ऑक्साइड और 15% तक मृत्तिका होती है|
  3. इसका उपयोग चिनाई मसाले तथा चूना-कंक्रीट के लिये किया जाता है।
  4. इस चुने की 28 दिन पर सम्पीडन सामर्थ्य 17.5 kg/cm ली जाती है।

Class-C Lime:-

Fat Lime
Fat Lime
  1. शुद्ध चूना या कली चूना (Fat Lime) इस चूना में 85% कैल्शियम ऑक्साइड और 5-7% मृत्तिका होती है।
  2. यह शीघ्र बुझता है और बुझने पर आयतन 2 से 3 गुना बढ़ जाता है।
  3. इस चूने का प्रयोग सफेदी, प्लास्तर तथा पोजोलाना पदार्थ-राखी. बालू आदि के साथ मिलकर चिनाई-मसाला बनाने के लिये किया जा सकता है।
  4. इस चूना का रंग सफेद होता है।

Class-D Lime :-

  1. मैग्निशियम चूना (Magnesium Lime) – यह चूना सफेद रंग का होता है।

  2. इसमें 85% कैल्शियम व मैग्निशियम होता है।

  3. यह शीघ्र बुझता है परन्तु देर से होती सैट होता है।

  4. यह चूना सफेदी तथा प्लास्तर कार्यों के फिनिशिंग कोट में प्रयोग किया जा सकता।

Class-E Lime:-

kankar lime
kankar lime
  1. कंकड़ चूना (Kankar Lime) इस चूना में 20% कैल्शियम ऑक्साइड, 5% मैग्निशियम और शेष अशुद्धियाँ होती हैं।
  2. यह देर से बुझता और सैट होता है।
  3. इसका उपयोग चिनाई मसाला तथा चूना कंक्रीट के लिये किया जाता है।
  4. श्रेणी A का चूना बुझा हुआ लेना चाहिये, जबकि श्रेणी B व C के चूने बुझे अथवा अनबुझे वह अजनी स्थितियों में प्राप्त किये जा सकते हैं।
  5. बुझा चूना पाउडर के रूप में होना चाहिये।
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