Impurities-in-drinking-Water

Impurities in Water पानी मैं उपस्थित अशुद्धियाँ

पानी में पाई जाने वाली अशुद्धियों को मुख्यत: तीन वर्गों में रखा जाता है-

(i) निलम्बित अशुद्धियाँ (Suspended Impurities)

(ii) घुलित अशुद्धियाँ (Dissolved Impurities)

(iii) कोलायडी अशुद्धियां (Colloidal Impurities)

वर्णन निम्न प्रकार है

निलम्बित अशुद्धियाँ (Suspended Impurities)

ये अशुद्धियाँ पानी में ठोस कणों के रूप में निलम्बित रहती हैं। इन अशुद्धियों के कणों का आपेक्षिक घनत्व पानी के आपेक्षिक घनत्व के लगभग बराबर होता है। अतः ये पानी में लटकी रहती हैं। जो अशुद्धियाँ पानी से भारी होती हैं वे पानी का अवसादन व फिल्टरन करके पानी से हटाई जा सकती हैं।सिल्ट (Sit), मृत्तिका (Clay), फंगई (Fungi), शैवाल (Algae), प्रोटोजोआ (Protozoa), जैव तथा अजैव अशुद्धियाँ पानी में निलम्बित रहती हैं । जैव अशुद्धियों से कई प्रकार की बीमारियां फैलती हैं। पानी में निलम्बित पदार्थों की मात्रा जितनी अधिक होगी, पानी उतना अधिक गंदला दिखामी देगा।

घुलित अशुद्धियाँ (Dissolved Impurities)

भूमि की विभिन्न प्रकार की मृदाओं, चटानों व सतहों पर बहते हुये पानी में तथा अधिक गहराई से निकाले गये जल में कुछ घुलनशील अशुद्धियाँ आ जाती हैं, जो इसको पीने के अयोग्य बना देती हैं।

कई प्रकार के लवण (कैलशियम, मैग्नीशियम, सोडियम आदि), कुछ धातुयें (लौह ऑक्साइड, मैंगनीज, सीसा), तथा गैसें जब पानी के घनिष्ठ सम्पर्क में आकर इसमें घुल जाती हैं, तो पानी में कई प्रकार की अशुद्धियाँ; जैसे जल की कठोरता, क्षारता आदि आ जाती हैं। पानी का स्वाद बिगड जाता है। पानी का रंग काला या भूरा हो जाता है। गैसों से पानी में अम्लीय प्रभाव उत्पन्न हो जाता हैं । ऐसा पानी नलों को संक्षारित करने लगता है ।

कोलायडी अशुद्धियां (Colloidal Impurities)

अशुद्धियों के कण निलम्बित तथा घुलनशील अशुद्धियों के कणों के मध्य के होते हैं, जो बिना किसी सूक्ष्मदर्शी यन्त्र के दिखायी नहीं देते हैं। ये अशुद्धियाँ अधिकतर जीवाणुवीय अशुद्धियाँ होती हैं, जो कई भयानक रोग फैलाने का कारण बनती है और स्वास्थ्य के लिये घातक सिद्ध होती हैं। कोलायडी अशुद्धियों के कारण पानी में रंग आ जाता है। कोलायडी अशुद्धियों के कणों में विद्युत आवेश रहता है, जिसके कारण ये सदा गतिशील रहते हैं।

जब ये कण एक-दूसरे के विद्युत क्षेत्र में होते हैं तो ऋणात्मक चार्ज के कारण एक-दूसरे सेदूर हटते हैं। यह बल, कणों के भार से अधिक होने के कारण, इनको कभी नीचे तली पर नहीं बैठने देता है। अतः इन अशुद्धियों को पानी से अलग करना कठिन होता है। इनको साधारण अवसादन से भी नहीं हटाया जा सकता है।

कोलायडी अशुद्धियों का माप 0.001 mm (10-3 mm) से 0.00001 mm (10-6 mm) तक हो सकता है।

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 पी० पी० एम० (PPM) :

जल में घुली हुई अशुद्धियों की सान्द्रता (Concentration) मापने के लिये मापक इकाई पी० पी० एम० (PPM.) अर्थात् एक भाग प्रति दस लाख भाग भार के अनुसार (Parts Per Million) ली जाती है। एक PPM. का अर्थ है दस लाख भाग पानी में भाग अशुद्धियाँ व 0.0001 % प्रतिशत होता है।

1 Grain/Imp. Gallon = 14.3 P.P.M.

1 Grain/U.S. Gallon = 17. 12 P.P.M.

1 mg/Kg. or lit. = 1 P.P.M.

जल में घुली हुई अशुद्धियों की मात्रा ज्ञात करने के लिये जल की एक निश्चित मात्रा को उबाल कर सुखा लिया जाता है तथा नीचे बैठे ठोस पदार्थों को तोलकर PPM  में इसका मानता कर लिया जाता है।

 (Tests for Drinking Water) पेय जल का परीक्षण :-

पेय जल के शुद्धिकरण के लिये इसका उपचार किया जाता है। उपचार की रूपरेखा निर्धारण करने से पहले पानी का विश्लेषण करना आवश्यक होता है, ताकि उपस्थित अशुद्धियों की प्रकार तथा मात्रा का भान हो सके । इससे जल शोधन संयन्त्रों का अभिकल्पन करने में सरलता हो जाती है।

Tests for Drinking Water पेय जल के परीक्षण निम्नलिखित है-

(i) भौतिक परीक्षण (Physical Tests)

(ii) रासायनिक परीक्षण (Chemical Tests)

(iii) जीवाणुवीय परीक्षण (Bacteriological Tests)

उपरोक्त परीक्षणों का वर्णन अगले post में किया गया है।

 

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